चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले आज गुरुवार 24 अप्रैल को NDMA और USDMA ने तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल किया. ये मॉक ड्रिल गढ़वाल के चार जिलों में की गई. मॉक ड्रिल में चारों जिलों में एक साथ कई घटनाओं से निपटने का रिहर्सल हुआ.
चारधाम यात्रा की तैयारियों की जमीनी हकीकत देखने के लिए NDMA और USDMA ने संयुक्त रूप से उत्तराखंड में एक साथ हुई कई घटनाओं को लेकर मॉक ड्रिल किया. इस दौरान अलग-अलग घटनाओं के सिनेरियो क्रिएट किए गए. पूरे मॉक ड्रिल पर स्टेट इमरजेंसी सेंटर उत्तराखंड से NDMA और USDMA के अधिकारी नजर बनाए हुए थे.
चमोली जिले में पागल नाल बड़ा लैंडस्लाइन एरिया है. यहां पर मॉक ड्रिल में भूस्खलन की घटना क्रिएट की गई, जिससे हाईवे पर ट्रैफिक पूरी तरह से बंद हो गया और बीच रास्ते में तीर्थ यात्री फंस गए. फंसे हुए यात्रियों को वहां से सुरक्षित निकालना और उनके लिए भोजन पानी की व्यवस्था करने का मॉक ड्रिल किया गया.
चमोली जिले में दूसरा मॉक ड्रिल बदरीनाथ में किया गया है, जहां सुबह करीब 11.18 पर 6.4 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया, जिसकी वजह से वहां मौजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के बीच दहशत फैल गई है. भारी बारिश खराब मौसम के बीच भूकंप की वजह से लैंडस्लाइड का खतरा भी बढ़ गया है. ऐसे में भीड़ के वहां से बाहर निकलने की होड़ लगी है, जिसकी वजह से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई है. उस सिचुएशन को किस तरह के मैनेज करना है, उसकी तैयारियों को आज की मॉक ड्रिल में परखा गया है.
हरिद्वार हरकी पैड़ी पर उस समय भगदड़ मच गई जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु विशेष स्नान के लिए एकत्रित हुए थे. सभी पैदल पुलों और गंगा के किनारे भागने लगे. इस अफरा-तफरी के बीच 15 से 20 तीर्थ यात्री, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, तेज बहाव में बह गए, उन्हें कैसे बचाया जाए. वहीं भगदड़ को कैसे कंट्रोल किया जाए, इन सबको मॉक ड्रिल में परखा गया है.
इन सबसे के अलावा टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिले में कई दुर्घटनाओं के लेकर मॉक ड्रिल किया गया. इन सब मॉक ड्रिल में शासन-प्रशासन ने न सिर्फ अपनी तैयारियों को परखा, बल्कि क्या कुछ कमियां हैं, कहां पर सुधार की ज्यादा जरूरत है, उसकी भी समीक्षा की की जाएगी. ताकि भविष्य में इस तरह की कोई घटना घट जाए तो उसमें जान माल का कम से कम नुकसान हो.