केदारनाथ धाम यात्रा में विगत दो-तीन दिन से घोड़ा-खच्चरों में बढ़ रहे संक्रमण के चलते घोड़ा-खच्चरों का संचालन बंद किया गया है. धाम पहुंच रहे यात्रियों खासकर वृद्ध व असमर्थ श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत जिला पंचायत एवं जिला प्रशासन प्रतिदिन 800 से 1000 डंडी एवं कंडी की सुविधा उपलब्ध कर रहा है.
अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत ने बताया घोड़े -खच्चरों में बढ़ते संक्रमण के चलते केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग में फिलहाल उनका संचालन बंद कर दिया गया है. ऐसे में जिला पंचायत एवं जिला प्रशासन द्वारा तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए प्रतिदिन 800 से 1000 श्रद्धालुओं के लिए पंजीकृत डंडी-कंडी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. जिससे वृद्ध व असमर्थ तीर्थ यात्रियों को कठिनाइयां उत्पन्न न हो. केदारनाथ में गौरीकुंड से आवश्यक खाद्य सामग्री सहित अन्य आवश्यक सामग्री के लिए 1000 डंडी एवं कंडी मजदूरों के माध्यम से पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में जिला पंचायत द्वारा 20 अलग-अलग स्थानों में डंडी-कंडी संचालकों द्वारा यात्रा प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई जा रही है.
केदारनाथ धाम यात्रा सकुशल चल रही है. पिछले सात दिवसों में रिकॉर्ड 1,69,942 श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे हैं. बाबा के दर पर पहुंचे श्रद्धालु बाबा के दर्शन पाकर मंत्र मुग्ध हो रहे हैं. टोकन व्यवस्था के माध्यम से श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन हो रहे हैं. श्रद्धालु केदारनाथ धाम के आस-पास का क्षेत्र, भीमशिला, शंकराचार्य समाधि स्थल, भैरव बाबा तक के दर्शन कर रहे हैं.
भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 21 मई को खोले जाएंगे. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य प्रभारी अधिकारी ने बताया भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट आगामी 21 मई को कर्क लग्न अनुसार में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे. इससे पूर्व भगवान मद्महेश्वर मंदिर की उत्सव डोली 18 मई को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के मंदिर गर्भगृह से बाहर आकर ओंकारेश्वर मंदिर स्थित सभामंडप में अवस्थान करेगी. 19 मई को उत्सव डोली ऊखीमठ से प्रातः प्रस्थान कर रात्रि विश्राम गृह हेतु रांसी स्थित श्री राकेश्वरी देवी मंदिर पहुंचेगी. 20 मई को राकेश्वरी मंदिर से प्रस्थान कर रात्रि विश्राम के लिए गौंडार पहुंचेगी. 21 मई को मद्महेश्वर की उत्सव डोली ग्राम गौंडार से प्रातः प्रस्थान करेगी. कर्क लग्न में भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट इस यात्रा काल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे.