राजधानी में एलिवेटेड सड़क प्रोजेक्ट के लिए बुधवार (14 मई) से रिस्पना और बिंदल नदी के किनारे डिमार्केशन की कार्यवाही शुरू हो गई है. इसके साथ ही चिन्हीकरण भी किया जा रहा है. दूसरी तरफ लोक निर्माण विभाग ने देहरादून डीएम को एक पत्र लिखा है, जिसमें प्रोजेक्ट के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में लैंड यूज चेंज और खरीद फरोख्त पर रोक लगाने की मांग की गई है, ताकि इस प्रोजेक्ट के प्रभावित भूमि पर कोई भी मुआवजा पाने के लिए लैंड यूज चेंज ना करवा सके. इसके साथ ही यहां जमीनों की खरीद फरोख्त न की जा सके.
इस मामले पर जिलाधिकारी कार्यालय से जानकारी मिली है कि कार्यदायी संस्था से विभाग को अधिग्रहण का प्रस्ताव मिल गया है. जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से जल्द इस पर दिशा निर्देश जारी कर दिए जाएंगे. वहीं, विशेष भूमि अध्यापति अधिकारी स्मिता परमार ने बताया कि इस पर लगातार कार्यवाही चल रही है, जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा.
बता दें, बिंदाल नदी पर बनने वाले 15 किलोमीटर के एलिवेटेड रोड के चलते कारगी ग्रांट, ब्राह्मण वाला, निरंजनपुर, कमली रोड, देहरा खास, डोभाल वाला, चुक्खू मोहल्ला, विजयपुर, हाथीबड़कला जौहरी मलसीस और किशनपुर सहित डाकपत्ति वाला क्षेत्र प्रभावित होगा. यहां पर जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है. रिस्पना नदी के ऊपर बनने वाले 11 किलोमीटर के एलिवेटेड रोड के चलते धर्मपुर, डालनवाला, कंडोली, झज्जरा, धोरन खास, भगत सिंह कॉलोनी, राजीव नगर इत्यादि इलाकों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी.
देहरादून में ट्रैफिक की बढ़ती समस्या को देखते हुए लोग निर्माण विभाग ने शहर के ट्रैफिक मोबिलाइजेशन को लेकर यह प्रोजेक्ट धरातल पर उतारने का फैसला किया है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार, निर्माण कार्य शुरू होने के बाद एक साल के भीतर यह निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत तकरीबन 6100 करोड़ रुपए है. बिंदल नदी पर बनने वाले एलिवेटेड रोड की अनुमानित लागत 4000 करोड़ रुपए और रिस्पना नदी पर बननी वाले एलिवेटेड रोड की कीमत 2100 करोड़ रुपए रखी गई है.