सफेद हाथी को फिर से ‘दौड़ाने’ की कोशिश, उत्तराखंड का अंतरराष्ट्रीय आइस रिंक 14 साल बाद फिर शुरू

उत्तराखंड में खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है, जिससे खेल प्रतिभाएं विश्व पटल में छा सकें. 5 मई को सीएम धामी और खेल मंत्री ने राजधानी दून में अंतरराष्ट्रीय आइस रिंक का लोकार्पण किया, जिसके बाद आइस रिंक को पंख लगने की उम्मीद जगी है. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने आइस रिंक को शुरू करने के लिए दृढ़ संकल्प लिया था, जो फिर तैयार हो गया है. जबकि आइस स्केटिंग रिंक पहले अपनी आखिरी सांसें गिन रहा था और बदहाली खिलाड़ियों के उम्मीदों को तोड़ रही थी.

 उत्तराखंड में साल 2011 में बनाया गया ये आइस स्केटिंग रिंक भारत का ही नहीं बल्कि उस समय साउथ एशिया का एकमात्र आइस स्केटिंग रिंक था, जिसमें करीब 100 करोड़ की लागत लगी थी. इसके उद्घाटन पर पहला साउथ एशियन विटर गेम्स हुआ था, जिसमें भारत-पाक समेत साउथ एशिया के 7 देशों ने हिस्सा लिया था. लेकिन बीतते सालों में ऐसा क्या हुआ कि उद्घाटन के कुछ ही दिन बाद यह खंडहर बनने लगा. अब तकरीबन 14 सालों तक बदहाली की बाद सोमवार (5 मई) को सीएम धामी ने एक बार फिर इसका लोकार्पण किया.

सीएम धामी ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में ही 599.00 लाख की लागत से तैयार हुए इक्वेस्ट्रियन (घुड़सवारी मैदान) का लोकार्पण भी किया. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि यह उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. यह आइस स्केटिंग रिंक न केवल उत्तराखंड बल्कि संपूर्ण भारत के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है. साल 2011 में बने इस आइस स्केटिंग रिंक में साउथ-इस्टर्न एशियन विंटर गेम्स आयोजित हुए थे, जिसमें भारत के साथ ही भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका जैसे कई देशों के खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था. बाद में इस रिंक पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. जिस कारण इसको बंद कर दिया गया था.

सीएम ने कहा कि सरकार ने देवभूमि उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में स्थापित करने के अपने मिशन के अंतर्गत इस रिंक को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमने दृढ़ संकल्प लिया था कि चाहे हमें विदेश से इंजीनियर्स ही क्यों न बुलाने पड़ें, लेकिन हम इस आइस स्केटिंग रिंक को फिर से शुरू करेंगे और हमने इस दिशा में कार्य किया.

वहीं, खेल मंत्री रेखा आर्या ने आइस रिंक के जीर्णोद्धार को प्रदेश के खेलों के इतिहास में एक आइस ब्रेकिंग मूवमेंट बताया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले राष्ट्रीय खेलों के दौरान का कई बड़ी खेल अवस्थापनाएं तैयार की गई है, और अब आइस रिंक के शुरू होने से इसमें एक और महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ गई है.