एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि देहरादून में मौजूद डोईवाला टोल प्लाजा ने पिछले चार सालों में 228 करोड़ रुपए कमाए हैं. चारधाम यात्रा से पहले गढ़वाल ट्रेकर संघ ने एक बार फिर से डोईवाला टोल प्लाजा पर इस्तेमाल से ज्यादा पैसा वसूलने का मुद्दा उठाया है.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले एक बार फिर से डोईवाला टोल का मुद्दा चर्चाओं में है. 35 किलोमीटर की टोल रोड पर पहाड़ का रुख करने वाले सभी ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से टोल टैक्स वसूला जा रहा है. केवल 11 किलोमीटर टोल रोड इस्तेमाल करने पर पूरा पैसा वसूला जा रहा है. आरटीआई में से मिली जानकारी के अनुसार अब तक केवल पिछले 4 सालों में डोईवाला टोल प्लाजा ने 228 करोड़ से ज्यादा पैसे इस टोल पर वसूले हैं.
आरटीआई एक्टिविस्ट और वरिष्ठ पत्रकार राजू गुसाईं ने बताया कि देहरादून लच्छीवाला टोल बैरियर 2021 में लगाया गया था. इसे फरवरी 2021 में शुरू कर दिया गया था. तब से यहां पर टोल शुल्क लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा हाल ही में NHAI सूचना के अधिकार में मांगा गया कि इस टोल प्लाजा से विभाग की कितनी कमाई हुई है. जिसके जवाब में उन्हें जानकारी मिली है कि-
वरिष्ठ पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता राजू गुसाईं बताते हैं कि उनका मानना है कि लच्छीवाला टोल प्लाजा पहाड़ के हर एक ट्रांसपोर्टर के लिए ज्यादती है. उन्होंने बताया कि डोईवाला टोल प्लाजा पर जो टोल शुल्क लिया जाता है, वह टोल रोड के इस्तेमाल के एवज में वसूला जाता है. टोल रोड की अगर बात करें तो देहरादून के मोकमपुर फ्लाईओवर उतारने के बाद टोल रोड शुरू हो जाती है. यह 37 किलोमीटर की टोल रोड हरिद्वार में जाकर खत्म होती है. यह शुल्क इसी 37 किलोमीटर की सड़क के इस्तेमाल के लिए लिया जाता है.
लेकिन पहाड़ पर जाने वाली टैक्सी मैक्सी या फिर अन्य ट्रांसपोर्टर गाड़ियों की बात करें तो यह रिस्पना से शुरू होती है और मोकमपुर फ्लाई ओवर उतरने के बाद टोल रोड का इस्तेमाल करती हैं. कुछ किलोमीटर दूर जाकर उन्हें डोईवाला से पहले टोल का पूरा शुल्क भुगतान करना होता है. भुगतान करने के बाद केवल एक फ्लाई ओवर ही पहाड़ की गाड़ियां इस टोल रोड का इस्तेमाल करती हैं. उसके बाद भनियावाला से पहाड़ के लिए मुड़ जाती हैं.