बदरीनाथ में 12 साल बाद सरस्वती उद्गम स्थल पर आयोजित होगा ‘पुष्कर कुंभ’, यहां वेदव्यास ने की थी महाभारत की रचना

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा 2025 इस बार खास रहने वाली है. क्योंकि, करीब 12 साल बाद बदरीनाथ में सरस्वती नदी के उद्गम स्थल पर ‘पुष्कर कुंभ’ का आयोजन होने जा रहा है. जो आगामी 15 मई से शुरू होगा. जिसमें दक्षिण भारत के आचार्य भी शामिल होंगे. हर 12 साल बाद बदरीनाथ में सरस्वती उद्गम स्थल पर पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाता है. इसका आयोजन स्थानीय लोग करते हैं.

बता दें कि उत्तराखंड में चमोली जिले मे बदरीनाथ धाम से कुछ दूरी पर स्थित देश के पहले गांव माणा में सरस्वती नदी का उद्गम स्थल है. जहां सरस्वती नदी महज 1 किमी के दायरे में बहती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहीं पर वेदव्यास जी ने महाभारत ग्रंथ की रचना की थी. यहां पर गणेश गुफा और व्यास पोथी भी है.

दक्षिण भारतीय परंपराओं में हर 12 साल के बाद पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाता है. जिसके लिए स्थानीय स्तर और बीकेटीसी यानी बदरी केदार मंदिर समिति की ओर से तैयारी की जा रही है. ताकि, दक्षिण भारत से आने वाले आचार्यों और श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो. वहीं, बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कि दक्षिण भारतीय आचार्यों की परंपरा में हर 12 साल के बाद पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाता है. ऐसे में इस साल यह कुंभ 15 मई से शुरू होगी. जो 25 मई तक चलेगी.

धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कि चारधाम यात्रा 2025 को लेकर बीकेटीसी ने तमाम व्यवस्थाएं मुकम्मल कर ली हैं. ताकि, यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो और वो आसानी से दर्शन कर सकें. ता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 को शुरू होने में महज 9 दिन बचे हैं. आगामी 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा शुरू हो जाएगी. जबकि, बाबा केदार के कपाट 2 मई और 4 मई को बदरी विशाल के कपाट खोल दिए जाएंगे.