अपनी गौरवशाली शैक्षणिक यात्रा के पूरे होने पर बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी बीआईटी मेसरा प्लेटिनम जुबली मना रहा है. इस मौके पर आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मंत्री सुदिव्य कुमार के अलावा बड़ी संख्या में शैक्षणिक जगत से जुड़े लोग, कॉलेज छात्र समेत अन्य गणमान्य अतिथि शामिल हुए.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीआईटी मेसरा के शैक्षणिक सफर की सराहना करते हुए बधाई दी. उन्होंने कहा कि बीआईटी मेसरा ने 70 साल पूरे कर लिए हैं. इसके समृद्ध विरासत पर गर्व है. केंद्र सरकार उच्च शिक्षा में एआई के प्रति गंभीर है. उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में युवाओं का उत्साह और प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण साबित होगी. हमारी बेटियां विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में पीछे नहीं है.
मौके पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म का स्वागत करते हुए कहा कि जिस तरह से आपने 6 वर्षों से अधिक समय तक झारखंड के राज्यपाल के पद को सुशोभित किया और पीपुल्स गवर्नर के रूप में आपकी कार्यशैली और जन सेवा की भावना रही, झारखंड के जनमानस में गहरी छाप आपने छोड़ी है. जब से आपके झारखंड आगमन की सूचना मिली है तब से राज्यवासियों में उत्साह एवं हर्ष का माहौल है.
राज्यपाल संतोष गंगवार ने बीआईटी मेसरा के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इंजीनियरिंग विषयों और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की समृद्ध विरासत के साथ यह एक प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नए आयाम को जोड़ने का काम करता है. राज्यपाल ने कहा कि 1955 में बीआईटी मेसरा की स्थापना इस संस्थान के दूरदर्शी संस्थापक बीएम बिरला जी की एक बहुत ही प्रशंसनीय पहल थी, जिन्होंने इस देश के विकास के लिए इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के महत्व को सही ढंग से समझा. इस मौके पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने भी संबोधित करते हुए बीआईटी मेसरा के शैक्षणिक सफर की सराहना की.
प्लेटिनम जुबली के मौके पर बीआईटी मेसरा पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 70 वर्षों के शैक्षणिक सफर पर लगाए गए प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने साइंस एवं टेक्नोलॉजी आधारित प्रदर्शनी का निरीक्षण किया और बीआईटी मेसरा के छात्रों के साथ बातचीत भी की. प्रदर्शनी में स्पेस एंड रॉकेट इंजीनियरिंग सहित विभिन्न विषयों पर बीट के द्वारा किए गए कार्यों को दर्शाया गया था, जिसे जानकर राष्ट्रपति काफी प्रभावित हुई. इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति के द्वारा न केवल बीआईटी मेसरा का स्मार पत्र जारी किया गया बल्कि पौधारोपण कर इस अवसर को यादगार बनाने की कोशिश भी की गई.